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बिहार: दैविक चेतावनी व मौसमीय भविष्यवाणी

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बिहार  Published by: Dipak Kumar , Date: 06/10/2025 03:41:38 pm Share:
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विस्तार

बिहार:  प्रकृति संभाल ली है  मोर्चा.... वास्तविक संचालक नियंत्रण कर्ता प्रकृति ही है, लगातार चक्रवात का असर भारत मे अनेको दृश्य मे सुरक्षा कवच मजबूत किये जाने मे दीखता रहेगा, देवताओं के जानकारी से महादेव दुःखी है, कई घटनाओ से दुःखी होकर प्रकृति को सौप दिया गया मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी,इसमें कार्तिक, गणेश, काल भैरव, बीर भद्र महाकाली पूरी शक्ति से संभाल लिय है मोर्चा,जिससे प्रकृति तेजी से अपने कार्य गतिबिधि मे है..... जो पदाधिकारी अधिकारी दैविक दैवीय नहीं है जो जिम्मेदारी से भागते है और आवश्यकता पर सरकारी फोन नहीं उठाते है ना सुनते है उनसे महादेव नराज दुःखी है, प्रकृति ही अब कार्य करवाई के लिय बड़ा बदलाव नहीं होने और आपदाओ से सबक संकेत देगी एवं बड़ा बदलाव होगा....... अगर परिस्थिति स्तिथि ना सुधरा तो प्रकृति की हर दंडनीय प्रणाली दैविक स्तर से सक्रिय होंगी, जिसमे पृथ्वी मे कम्पन्न होना, अतिवृष्टि होना, अग्नि का वायु का वर्फ ओला का प्रभाव बढ़ेगा,इससे अनेको परिस्थिति उतपन्न होगा....जैसा पूर्व मे बताय गय वह जारी है,इसका जिम्मेदारी वही होंगे जिनके कारण यह परिस्थिति उनके कृत्य से उतपन्न हुए है,आवश्यकता पर ही सुधार के लिय प्रकृति निर्णय करेगी..

.. संसार के भारत खंड में आने वाले कुछ ही दिनों में एक साथ दो साइक्लोन चक्रवात भारत के एक हिस्से में टकराएगा, जिससे भारत में अनेकों प्रकार की मौसम में चक्रवातीय परिवर्तन होंगे - बदलाव होंगे,जिसका असर भारत के कई राज्यों पर आंशिक तौर से तो कहीं पर भारी प्रभाव डालेंगे,जिसमें कई प्रकार की विकृतियां बीमारी समेत मौसम में बदलाव अन्य कई घटक घटनाएं घटित होंगे,जो प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ा हुआ होगा,अभी भारत में  भारत के पूर्वी क्षेत्र की कई राज्य दक्षिणी क्षेत्र की कई राज्य उत्तरी क्षेत्र की कई राज्य एवं पश्चिमी क्षेत्र की कई राज्य बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन साइक्लोन चक्रवात के असर से प्रभावित हो रहा है, इसका प्रभाव अगले पचास घंटे मे खत्म होगा,मगर अगर सब ठिक नहीं हुआ तो 2019 और 2020 की तरह ही सौ सौ घंटे के अंतराल पर एक डिप्रेशन से साइकोलोंन से फिर चक्रवात तैयार बंगाल की खाड़ी मे तैयार होगा जिसका असर उसी प्रकार होगा जैसा उस वर्ष हुए थे, उसी क्रम को बिस्तार किये जायेगे, मगर फिलहाल यह चक्रवात जिसका उम्र सौ घंटा से आंशिक अधिक रखा गया है यह अपना आधा से अधिक अवधि पूर्ण कर लिय है,यह धीरे धीरे आगे फ़ैल कर बढ़ता जायेगा,इसका असर कई राज्य पर होगा,इसी बिच अगले बीस घंटे से पहले ही  यानी आज़ रात्रि बेला से ही अभी जल्द ही आपको पश्चिम क्षेत्र की सबसे बड़े समुद्र में बना रहे डिप्रेशन साइक्लोन का प्रभाव जल्द ही भारत के कई अन्य राज्य में बहुत बड़ा असर करेगा जिसमें गुजरात महाराष्ट्र समेत कई राज्य मे तेज हवाओं का झोंका आकाशीय बिजली चमकना उसके पश्चात तेज भारी से भारी बारिश का प्रभाव जारी रहेगा, इसका असर भी सौ घंटा ही होगा जो यह फ़ैल जायेगा और  यह चक्रवात साइक्लोन भारत के समुन्द्र से पूर्व  क्षेत्र की राज्यों के साथ-साथ दक्षिणी क्षेत्र की कई राज्य एवं यह अन्य कई देश को भी प्रभावित करेगा,उसके पश्चात पूर्व के कई राज्यों में एक साथ अपने आगोश में लेगा, जिससे वहां भारी से भारी बारिश होंगे,लेकिन धीरे-धीरे इसका प्रभाव  शक्ति छमता कमता जायेगा, इसका प्रभाव लेकिन इधर से जा रहे बंगाल की खाड़ी का डिप्रेशन से तैयार चक्रवात और उधर से आ रहे जो चक्रवात का प्रभाव है उसका असर दोनों एक साथ भारत के कुछ हिस्सों में जिससे एक अलग प्रकार का चक्रवातीय परिसंचरण तैयार होगा, जिसका कई प्रभाव पड़ेंगे जिससे भारत में अनेकों प्रकार की मौसम में बदलाव होंगे,और भारत की कई राज्यों में सतर्क और सावधान रहने की आवश्यकता होगा, इससे प्राकृतिक आपदाओं के आने वाले भविष्य में कई प्रकार का घटनाओ का होगा,अगर स्थिति परिस्थिति स्थिति नहीं सुधरा तो 100 घंटे के अंतराल पर यानी की बारिश का दौर जो है आने वाले समय में जारी रहेंगे, क्योंकि पुनः बंगाल की खाड़ी मे डिप्रेशन से चक्रवात तैयार रहेगा,जिससे भारी से भारी बारिश भारत खंड के पूर्वी क्षेत्र पछिम  की राज्य दक्षिणी क्षेत्र की राज्य उत्तरी क्षेत्र का राज्य एवं मध्य क्षेत्र की राज्य में अनेकों प्रकार की बारिश का प्रभाव जारी रहेगा, जो 100 घंटे की अंतराल पर होंगे जो पुनः एक चक्रवातीय परिसंचरण  लाइन डिप्रेशन का प्रभाव समाप्त होगा, तो फिर पुनः 100 घंटे की अंतराल पर दूसरा साइक्लोन तैयार हो जाएगा, जो 2029 एवं 2020 की तरह होगा,इस तरह का दौर जो है,आने वाले समय में अगर स्थिति परिस्थिति नहीं सुधरे तो जारी रहेंगे, जिससे भारत की कई राज्यों में भारी से भारी बारिश भारी से भारी तेज झोको वाले उराव हवाओं का झोंका भारी से भारी मौसममिय चक्रवात जो भारत में कई प्रकार की क्षति तो पहुंचाएंगे ही साथ में जल का  आवश्यकता से भी अधिक पूर्ति इन परिसंचरण चक्रवातीय घटनाक्रमों से पूरा होगा, भारत की कई क्षेत्र में जो है अनेकों प्रकार की दृश्य देखने को मिलेंगे,कई प्रकार की आपदाएं मिलेंगे, पहाड़ी राज्यों में भी बर्फ का  गिरना उसके पश्चात्  भारी वर्फवारी होहोगा, वर्फ का  बारिश होगा, उसके पश्चात् जैसा पहले बताए गए थे,दैविक  जानकारी मे  तो ठंड का भी प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ता लेकिन यह डिप्रेशन साइक्लोन चक्रवात का असर अभी लंबे अंतराल तक भारत के कई राज्यों को अपने घेरे में लिए रहेगा, जिससे ठंड का प्रभाव इसके पश्चात् होगा,आवश्यकता है सबको सतर्क रहने की सावधान रहने की और मौसमी बीमारियां हैं उनसे भी बचाव करने की और राहत बचाव का साधन संसाधन को अत्यधिक ढंग से मजबूत करते हुए उसका कार्य क्षमता गतिविधि जारी रखने की अत्यंत आवश्यकता है, सतर्क रहने की सावधान रहने की और भी मौसमी जानकारी भारत के दैविक वैज्ञानिक से प्राप्त हो रहे हो उसका अवलोकन करते रहना होगा,और किसी भी प्रकार की अफवाह और दुष्प्रचार से बचाना होगा, नियम और कानून वि

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