Contact for Advertisement 9919916171


छत्तीसगढ़: विधिक सेवा प्राधिकरण ने नशे से जूझ रहे बेटे का इलाज कर राहत दिलाई, मां-बेटी को सुरक्षा दी

- Photo by : social media

छत्तीसगढ़  Published by: Prabhesh Mishra , Date: 15/10/2025 05:22:01 pm Share:
  • छत्तीसगढ़
  • Published by: Prabhesh Mishra ,
  • Date:
  • 15/10/2025 05:22:01 pm
Share:

विस्तार

छत्तीसगढ़: सूरजपुर जिस बेटे से माँ ने बुढ़ापे में सहारे की उम्मीद की थी, उसी ने नशे के गिरफ्त में आकर उन्हें और उनकी छोटी बेटी को दहशत के माहौल में जीने को मजबूर कर दिया। आए दिन की मारपीट, गाली-गलौज और नशे के लिए पैसों की मांग से तंग, मॉ बेटी को आखिरकार घर से ही निकाल दिया, लेकिन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर इस लाचार मों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा और न केवल उन्हें सुरक्षा दिलाई, बल्कि बेटे को भी इलाज के लिए नशा मुक्ति केन्द्र में दाखिला दाखिला कराया। उम्मीद का सहारा बना विधिक सेवा प्राधिकरण परेशान माँ-बेटी को जब पीएलव्ही उमेश कुमार के माध्यम से यह पता चला की जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विधिक सलाह और सहायता उपलब्ध कराता है, तो वे अपनी समस्या लेकर डीएलएसए कार्यालय पहुँची। उन्होने अपनी पूरी व्यवस्था सचिव पायल टोपनो को बताई। सचिव पालय टोपनों ने उस माँ की आर्थिक कमजोरी और बेबसी को समझते हुए तत्काल संवेदनशीलता दिखाई। उन्होने कार्यालय में उपस्थित अधिकार मित्र को पीडित मों की ओर से नशा मुक्ति केंद्र में दाखिले हेतु तुरंत आवेदन तैयार करने मदद करने के निर्देश दिये। त्वरित कार्यवाही से मिली राहत- आवेदन मिलते ही, सचिव पायल टोपनो ने बिना देर किए थाना प्रभारी सूरजपुर को पत्र जारी किया, इसमें निर्देशित किया कि पीडिता माँ  के बताए परिस्थितियों की  करते हुए आवेदिका के पुत्र की सम्पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण कराकर नशा मुक्ति केंद्र में दाखिला कराया जाए। डीएलएसए के इस पत्र का संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी सूरजपुर ने तत्परता दिखाई, तत्काल आरक्षक और थाने में नियुक्त पीएलव्ही चीरंजीव लाल की एक संयुक्त टीम तैयार किया की गई। टीम ने तुरंत कार्यवाही करते हुए नशे के आदि हो चुके पुत्र को रेस्क्यू किया, मेडिकल कराया और उसे सफलतापूर्वक सबरी सेवा संस्थान द्वारा संचालित नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र सूरजपुर में दाखिला करा दिया। यह पूरी कार्यवाई श्रीमती विनीता वार्नर, अध्यक्ष प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सूरजपुर के मार्गदर्शन में संपन्न हई। डीएलएसए के इस मानवीय हस्तक्षेप से न केवल मों और बेटी को घरेलू हिंसा और दहशत से राहत मिली, बल्कि उनके बेटे को भी इलाज और जीवन में बदलाव का मौका मिला। यह घटना दर्शाती है कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जरूरतमंदों के लिए केवल एक कानूनी संस्था नहीं, बल्कि त्वरित राहत और मानवीय सहायता का एक शक्तिशाली संघ है।