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गुजरात: कडदा प्रथा बंद कराने के लिए किसानों के समर्थन में उतरे रेनीश वकरीया

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गुजरात   Published by: Vithal Nanji Kanani , Date: 16/10/2025 12:44:37 pm Share:
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  • 16/10/2025 12:44:37 pm
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संक्षेप

गुजरात: कडदा प्रथा की समाप्ति के लिए गुजरात के किसानों की सहायता में आगे आए न्याय एवं अधिकार समिति गुजरात के सौराष्ट्र ज़ोन अध्यक्ष श्री रेनीशभाई के. वकरीया साहब।

विस्तार

गुजरात: कडदा प्रथा की समाप्ति के लिए गुजरात के किसानों की सहायता में आगे आए न्याय एवं अधिकार समिति गुजरात के सौराष्ट्र ज़ोन अध्यक्ष श्री रेनीशभाई के. वकरीया साहब। वर्तमान में गुजरात के किसानों की मुख्य समस्या है। फसलों के उचित दाम न मिलना तथा कडदा प्रथा से किसानों को हो रहा अत्याचार। गुजरात में किसानों को उनकी उपज का पूरा भाव नहीं मिल रहा है। विशेषकर मूंगफली में किसानों को मार्केटिंग यार्ड में उचित दाम नहीं मिलते। जब किसान मूंगफली बेचने यार्ड में जाते हैं, तो एक मन (20 किलो) का मूल्य मुश्किल से ₹800 से ₹950 तक दिया जाता है, जो कि किसानों के लिए बिल्कुल भी लाभदायक नहीं है। इस बार गुजरात में मूंगफली की खेती बहुत अधिक हुई है, लेकिन फिर भी किसानों को मार्केटिंग यार्ड में उचित भाव नहीं मिल रहे हैं, जिससे अन्नदाता किसान लाचार और दुखी हैं। किसानों की मांग है कि गुजरात सरकार वर्तमान में जो केवल 70 मन मूंगफली (1400 किलो) प्रति खातेदार किसान से समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लिया है, वह बिल्कुल अनुचित है। किसानों की यह मांग है कि सरकार प्रत्येक खातेदार किसान से 300 मन मूंगफली समर्थन मूल्य पर खरीदे। हमारे पास अनेक किसान अपनी पीड़ा लेकर आए और उन्होंने कहा कि उनकी ओर से यह मांग सरकार तक पहुंचाई जाए ताकि किसानों को न्याय मिल सके। इसके अतिरिक्त बोटाद मार्केटिंग यार्ड में जो कडदा प्रथा चल रही है, उसे तुरंत बंद किया जाए। इस प्रथा के अंतर्गत किसानों से प्रति मन ₹80 से ₹115 तक की खुली लूट की जाती थी। नीलामी में जो भाव तय होता, वही भाव किसान को देना पड़ता। वर्षों से यह लूट जारी थी, लेकिन सरकार, विधायक, सांसद, मंत्री या मुख्यमंत्री में से किसी का भी ध्यान इस विषय पर नहीं गया। यह बहुत बड़ा प्रश्न है। इसमें करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है, जिसमें व्यापारियों और यार्ड के अधिकारियों की मिलीभगत रही है। सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। अगर सरकार ने समय रहते ध्यान दिया होता, तो किसानों और आम आदमी पार्टी को आंदोलन, मांग-पत्र और किसान महापंचायत आयोजित नहीं करनी पड़ती। किसानों और पुलिस के बीच जो झड़प और दंगे हुए, वह भी टल सकते थे। इस घटना में पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हुए। हडदड़ गांव में किसान महापंचायत के दौरान हुए लाठीचार्ज में कई किसान घायल हुए, और किसानों तथा आम आदमी पार्टी के नेताओं पर एफआईआर दर्ज कर मुकदमे बनाए गए। इस आंदोलन की मुख्य मांग कडदा प्रथा बंद करने की थी। किसान नेता तथा आम आदमी पार्टी किसान सेल गुजरात के प्रदेश प्रमुख श्री राजुभाई करपड़ा ने किसानों की पीड़ा और भावनाओं को समझा। उन्होंने देखा कि इस प्रथा के कारण करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हो रहा था और किसानों को भारी नुकसान हो रहा था। उनकी यह पीड़ा उन्हें सताती रही और उन्होंने किसानों की समस्या को हल करने का संकल्प लिया। आंदोलन के दौरान पुलिस को लाठीचार्ज और टीयर गैस के गोले छोड़ने की नौबत आई, और स्थिति पर काबू पाया गया।