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मध्य प्रदेश: 24 किन्नरों के आत्महत्या प्रयास के बाद BJP सक्रिय, कांग्रेस खामोश सियासत गरमाई
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मध्य प्रदेश: 24 किन्नरों के आत्महत्या प्रयास के बाद भाजपा प्रतिनिधिमंडल पहुंचा पुलिस कमिश्नर के दफ्तर। किन्नर समुदाय के दो गुटों के बीच चल रहे विवाद पर अब सियासत गरमा गई है। जहां कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल खामोश नजर आए, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को इस पूरे मामले में बड़ा राजनीतिक “बम” फोड़ दिया। भाजपा का प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचा और किन्नर विवाद को लेकर विस्तृत चर्चा की। बीती रात एक पक्ष के 24 किन्नरों द्वारा फिनायल पीकर आत्महत्या का प्रयास किए जाने के बाद प्रशासनिक और सामाजिक हलकों में हड़कंप मच गया था। इसी घटना के बाद भाजपा सक्रिय हुई और प्रतिनिधिमंडल में सांसद, विधायक और नगर अध्यक्ष शामिल होकर सीधे पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करने पहुंचे। भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने पुलिस से मांग की कि शहर में किन्नरों के बीच चल रहे विवाद को समाप्त कराया जाए और असली व नकली किन्नरों की पहचान के लिए मेडिकल जांच और पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाए। मिश्रा ने कहा कि किन्नर समुदाय के नाम पर अवैध वसूली और अनुचित गतिविधियों पर भी प्रशासन को लगाम लगानी चाहिए। इसी बीच अधिवक्ता सचिन सोनकर ने चौंकाने वाले आरोप लगाए कि मुस्लिम किन्नर, हिंदू किन्नरों पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे हैं और विरोध करने वालों को एचआईवी के इंजेक्शन तक लगाए जा रहे हैं। हालांकि इन आरोपों की पुष्टि पुलिस जांच के बाद ही हो पाएगी। पुलिस ने मामले को संवेदनशील मानते हुए जांच शुरू कर दी है। अतिरिक्त डीसीपी रामस्नेही ने बताया कि अब तक एक गिरफ्तारी की जा चुकी है और सभी पहलुओं पर बारीकी से जांच जारी है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर कांग्रेस और अन्य दल इस पूरे मुद्दे पर चुप क्यों हैं?
क्या भाजपा ने इस संवेदनशील विवाद को “जनहित” के मुद्दे के रूप में उठाकर राजनीतिक बढ़त बना ली है? या फिर विपक्ष की चुप्पी आने वाले समय में उनके लिए राजनीतिक नुकसान का कारण बनेगी। फिलहाल, किन्नर विवाद ने इंदौर की सियासत में नई हलचल मचा दी है।