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छत्तीसगढ़: विक्षिप्त महिला का रात में सुरक्षित रेस्क्यू, सखी सेंटर में मिला सहारा
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विस्तार
छत्तीसगढ़: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) ने एक बार फिर मानवीय संवेदनशीलता का परिचय दिया है। अध्यक्ष, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, श्रीमती विनीता वार्नर के दूरदर्शी मार्गदर्शन और सचिव डीएलएसए, कु. पायल टोपनो के त्वरित दिशा- निर्देशन में, रात के अंधेरे में भटक रही एक विछिप्त महिला को तत्काल रेस्क्यू कर सखी वन स्टॉप सेन्टर में सुरक्षित आश्रय प्रदान किया गया। यह घटना स्थानीय प्रशासन, पुलिस और जागरूक नागरिकों के उत्कृष्ट समन्वय की कहानी बयां करती है। व्हाट्सएप से मिली पहली सूचना घटना की शुरुआत शनिवार देर रात हुई। स्थानीय व्हाट्सएप ग्रुप पर एक पोस्ट शेयर किया गया, जिसमें ग्राम उमापुर में एक अज्ञात विक्षिप्त महिला के भटकने की जानकारी और उसकी तस्वीर थी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में कार्यरत अधिकार मित्र श्री सत्य नारायण ने इस पोस्ट को गंभीरता से लिया और तुरंत सचिव कु. पायल टोपनो को इसकी जानकारी दी। सचिव ने बिना समय गंवाए इसे अतिसंवेदनशील मामला मानते हुए महिला का पता लगाने और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश दिए।
रात 8 बजे ग्राम मोरगा से हुई पहचान पूरे दिन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम महिला का पता लगाने में जुटी रही। दूसरे दिन रविवार की रात लगभग 8 बजे, ग्राम मोरगा के एक जागरूक नागरिक पिंटू राजवाड़े ने अधिकार मित्र को फोन पर बताया कि वही महिला उनके गांव में भटक रही है। सूचना मिलते ही सचिव कु. पालय टोपनो ने मानवता को प्राथमिकता देते हुए, बिना किसी देरी के महिला को तत्काल सुरक्षित रेस्क्यू कर सखी रेन्टर लाने का निर्देश दिया, ताकि उसकी आवश्यक देखभाल और चिकित्सा सहायता मिल सके। रामानुजनगर पुलिस की त्वरित कार्यवाही सचिव के निर्देश पर अधिकार मित्र श्री सत्य नारायण ने तत्काल थाना रामानुजनगर से संपर्क साधा। थाना प्रभारी श्री एल. लकड़ा एवं थाने में पदस्थ एएसआई श्री मनोज कुमार पोर्ते ने इस संवेदनशील सूचना पर त्वरित संज्ञान लिया। उन्होंने न केवल तुरंत रेस्क्यू टीम भेजी, बल्की इस मानवीय मिशन में हर संभव सहयोग भी किया। रेस्क्यू टीम में अधिकार मित्र श्रीमती आशा गोंड, सत्य नारायण और पुलिस के प्रधान आरक्षक श्री राम जनत प्रधान एवं आरक्षक श्री गणेश सिंह ने सुयुक्त रूप से मोर्चा संभाला और सफलतापूर्वक महिला को रेस्क्यू कर सखी वन स्टॉप सेन्टर पहुँचाया, जहाँ अब वह सुरक्षित है और उसकी देखभाल की जा रही है। सफल रेस्क्यू ऑपरेशन सिद्ध करता है कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिले की पुलिस और जनता मिलकर समाज के सबसे कमजोर व्यक्तियों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच का निर्माण कर रहे हैं।
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